عنوان | زمان | |
غریب تشنه ای فریاد می زد | 8:32 | |
ساقی تشنه در فرات | 8:26 | |
بانگ ادرک اخاه | 7:58 | |
صبر و قرار من | 6:34 | |
دشت ستم ها نینوا بود | 5:25 | |
وقت جدایی رسید | 6:07 | |
علم افتاد چو از دست علمدار حسین | 3:02 | |
افتاد اگر در این بیابان پیکرت بود | 5:57 | |
بیا بنشین و بنشانم مرا بابا | 3:39 | |
کهنه پیراهن از تن بی سر | 11:50 |